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Rank 3 Anurag Anand BPSC 64th | बिना कोचिंग के अनुराग ने पाई सफलता | BPSC Topper Interview

Rank 3 Anurag Anand BPSC 64th | बिना कोचिंग के अनुराग ने पाई सफलता, तीसरा स्थान पाकर परिवार का बढ़ाया मान

बिहार में 64वीं बीपीएससी (BPSC) परीक्षा में तीसरे टॉपर दरभंगा शहर के लक्ष्मीसागर के अनुराग आनंद (Anurag Anand) घोषित किए गए हैं. अनुराग के पिता विजय कुमार झा एसबीआई (SBI) के लहेरियासराय सीएई ब्रांच के मैनेजर हैं और मां इंदु झा गृहणी हैं. उनके बड़े भाई बड़ा भाई अभिषेक आनंद न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में अधिकारी हैं. अनुराग की सफलता पर परिवार में बेहद खुशी का माहौल है.अनुराग ने बताया कि 

हाई स्कूल दरभंगा के DAV स्कूल से की 

उन्होंने स्थानीय दरभंगा के DAV स्कूल से 10वीं उत्तीर्ण करने के बाद आगे की पढ़ाई के रांची से की. उन्होंने रांची विद्या मंदिर से 10 प्लस टू पास किया, जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो दिल्ली चले गए. साल 2016 में आइआईटी से बीटेक किया. बीटेक कम्लीट होते ही ICCI बैंक से काम करने का ऑफर आया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.


बिना कोचिंग, सेल्फ स्टडी से पाई सफलता 

अनुराग ने बताया कि 'बीपीएससी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. हर दिन अनवरत 8-10 घंटे पढ़ाई की.' उन्होंने कहा कि 'दरभंगा के डीएवी स्कूल से 10वीं उत्तीर्ण करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए रांची चले गए. वहां रांची विद्या मंदिर से 10 प्लस टू पास किया. उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चले गए और उन्होंने 2016 में आइआईटी (IIT) से बीटेक किया.' 

दो बार यूपीएससी में नहीं मिली सफलता पर हिम्मत नहीं हारी

अनुराग का इरादा तो कुछ और करने का था सो उन्होंने यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने को लेकर मेहनत शुरू की. दो बार यूपीएससी मेन तक की परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिली. अनुराग ने हिम्मत नहीं हारी और अपना ध्यान बीपीएससी पर केंद्रित कर दिया, जिसका फल ये हुआ कि उन्होंने पहली बार में ही तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया.

सोशल साइट से पढ़ाई में ली मदद 

बड़ी बात यह रही है कि अनुराग ने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए कभी कोचिंग नहीं की. मोबाइल पर यूट्यूब और टेलिग्राम जैसी सोशल साइट पर जाकर पढ़ाई के लिए मैटेरियल प्राप्त किया, खूब मेहनत की और सफलता पाई. अनुराग आनंद ने कहा कि छात्र यदि लगन और मेहनत से तैयारी करे तो उसे सफलता जरूर हाथ लगती है. उन्होंने सोशल साइट के माध्यम से पढ़ाई कर ये दिखा दिया कि बिना मोटी रकम खर्च किये भी सफलता हाथ लग सकती है. 


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